Pariksha Pe Charcha 2024
नई दिल्ली: बोर्ड परीक्षाओं से ठीक पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्करण में देशभर के लाखों छात्रों के साथ खुलकर बातचीत की। उन्होंने छात्रों के मन से परीक्षा का तनाव दूर करने के साथ ही माता-पिता को भी कुछ खास सलाह दी।
तुलना नहीं, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का ज़रूरी: पीएम मोदी ने छात्रों को बताया कि जीवन में थोड़ी बहुत प्रतियोगिता तो होनी ही चाहिए, इससे जीवन में उत्साह बना रहता है। लेकिन ये प्रतियोगिता स्वस्थ होनी चाहिए, किसी और से खुद की तुलना करने की ज़रूरत नहीं है। इससे तनाव बढ़ता है और आत्मविश्वास कम होता है।
माता-पिता से खास अपील: प्रधानमंत्री ने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों से न करें। उन्होंने कहा कि हर बच्चा अलग है, उसकी अपनी क्षमता है। उसकी तुलना किसी और से करने से वो हताश हो सकता है। माता-पिता का प्यार और सहारा परीक्षा के तनाव को कम करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है।
चलताऊ टिप्पणी से बचें: पीएम मोदी ने माता-पिता और शिक्षकों से कहा कि बच्चे पर लगातार नज़र रखने और दबाव बनाने से बचें। बच्चे पर हर समय ‘सुबह जल्दी उठना है, इतने सवाल हल करने हैं’ आदि जैसी चलताऊ टिप्पणियाँ न करें। इससे बच्चे का तनाव बढ़ जाता है। विश्वास और धैर्य से बच्चे का हौसला बढ़ाएँ।
परीक्षा से बड़ा है जीवन: पीएम मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि वे परीक्षा को ज़िंदगी का अंत न समझें। जीवन में और भी बहुत कुछ है। परीक्षा सिर्फ एक पड़ाव है, इसे हल्के और सकारात्मक तरीके से लें। परीक्षा का तनाव कम करने के लिए अपने मनपसंद शौक को ज़िंदगी में शामिल करें, ताकि पढ़ाई के साथ मन भी लगे।
विद्यार्थियों के सवालों का दिल खोलकर दिया जवाब: पीएम मोदी ने कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों के तमाम सवालों का दिल खोलकर जवाब दिया। उन्होंने परीक्षा की तैयारी, समय प्रबंधन, विषयगत संदेह, साथी दबाव जैसी कई समस्याओं पर चर्चा की और उनके समाधान बताए।
हर साल छात्रों से मिलना एक परीक्षा: पीएम मोदी ने कहा कि हर साल परीक्षा से पहले छात्रों के साथ बातचीत करना उनके लिए भी एक परीक्षा है। ये परीक्षा उनके लिए बच्चों की ज़रूरतों को समझने और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने का ज़रिया है।
देश के भविष्य की बात: कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को देश के भविष्य के रूप में देखते हुए उनसे राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं के हाथों में ही देश का भविष्य सुरक्षित है। ये पीढ़ी अपने ज्ञान और हुनर से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
सकारात्मक संदेश के साथ हुआ समापन: ‘परीक्षा पे चर्चा’ का सातवां संस्करण छात्रों को परीक्षा पर तनावमुक्त और सकारात्मक नज़रिया अपनाने का संदेश देकर संपन्न हुआ। पीएम मोदी ने हर साल की तरह इस बार भी छात्रों को जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने का हौसला दिया।
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