December 23, 2024
Mindful Eating:भोजन नहीं, ध्यान से भोजनः कैसे आपकी डाइट खुशहाली का टिकट बन सकती है!

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि अच्छा खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं है, बल्कि ये हमारे पूरे स्वास्थ्य और सुख-चैन को प्रभावित करता है। अक्सर हम जल्दी-जल्दी खाते हैं, मोबाइल या टीवी देखते हुए खाते हैं, या फिर मनपसंद चीजों के आगे दिमाग का नियंत्रण खो देते हैं। यही वो जगह है जहां “माइंडफुल ईटिंग” की अवधारणा सामने आती है।

कैसा होता है माइंडफुल ईटिंग?

माइंडफुल ईटिंग का मतलब है, वर्तमान क्षण में और पूरी जागरूकता के साथ भोजन का सेवन करना। इसमें आप अपने शरीर को सुनते हैं, भूख और तृप्ति के संकेतों को समझते हैं, और खाने के अनुभव का पूरा लुत्फ उठाते हैं। ये सिर्फ कैलोरी काउंटिंग या डाइट प्लान का पालन नहीं, बल्कि खाने के प्रति अपना रवैया बदलने का तरीका है।

माइंडफुल ईटिंग के फायदे क्या हैं?

  • शारीरिक स्वास्थ्य: वजन प्रबंधन, पाचन तंत्र सुधार, ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण, खाने से जुड़ी एलर्जी कम करने में मदद करता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य: तनाव कम करता है, चिंता दूर करता है, मूड को बेहतर बनाता है, नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है।
  • रिश्तों को मजबूत करता है: परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर, बिना किसी बाहरी डिस्ट्रैक्शन के भोजन करने से रिश्ते गहरे होते हैं।
  • खाने की सकारात्मक आदतें विकसित करता है: आप जंक फूड के प्रति लालच को कम कर सकते हैं और पोषण से भरपूर आहार की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

माइंडफुल ईटिंग करने के 5 आसान तरीके:

  1. खाने से पहले रुकें, सांस लें: जल्दी खाने की आदत छोड़ें। कुछ सेकंड रुकें, गहरी सांस लें, और अपने शरीर को आने वाले भोजन के लिए तैयार करें।
  2. खाने को गौर से देखें, सूंघें और चखें: अपने भोजन को प्लेट में सजाएं। उसे ध्यान से देखें, उसकी खुशबू महसूस करें, और हर निवाले का पूरा स्वाद लें।
  3. बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के खाएं: टीवी बंद करें, मोबाइल दूर रखें, और सिर्फ खाने पर ध्यान दें। इससे आपके शरीर को भूख और तृप्ति के संकेतों को ठीक से पहचानने में मदद मिलती है।
  4. धीरे-धीरे खाएं, अच्छी तरह से चबाएं: जल्दी-जल्दी निगलने से आप जल्दी तृप्त नहीं होते और ज्यादा खा लेते हैं। हर निवाले को कम से कम 20 बार चबाएं, इससे खाना अच्छी तरह से पचता है।
  5. अपने शरीर को सुनें: भूख की शुरुआत में ही खाना शुरू करें और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। शरीर द्वारा तृप्ति के संकेत मिलने पर रुक जाएं। जरूरत से ज्यादा खाने से बचें।

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