December 23, 2024

Delhi Under Siege: 1200 Tractors, Bulldozers Roll In for Epic Farmer Protest

हंगामा फिर! हज़ारों किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च, एमएसपी की लड़ाई जारी

किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है, और अब हज़ारों पंजाबी किसान एक बार फिर “दिल्ली चलो” मार्च के जरिए अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दालों, मक्का और कपास को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पांच साल तक खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, और सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी की मांग जारी है।

आंदोलन के प्रमुख बिंदु:

  • किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह हस्तक्षेप करें और एमएसपी गारंटी कानून लाकर इस आंदोलन को खत्म करें।
  • हज़ारों ट्रैक्टर और बुलडोजर के साथ किसानों का यह मार्च दिल्ली और आसपास के इलाकों में यातायात व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर सकता है।
  • केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है और आरोप लगाया है कि कुछ शरारती तत्व किसानों का वेश धारकर पथराव और भारी मशीनरी जुटा रहे हैं।
  • दिल्ली की तीन मुख्य सीमाओं – सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

किसानों का रुख:

  • पंधेर ने कहा, “हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं, लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार मत करो। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर कानून लाकर इस विरोध को समाप्त करें। देश ऐसी सरकार को माफ नहीं करेगा। हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। हमने क्या गुनाह किया है? हमने ही आपको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि बल इस तरह से हमें दबाएंगे। कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर जाने दें। यह हमारा अधिकार है।”
  • किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण रहने का वादा किया है और कहा है कि सरकार को उनकी मांगों को मान लेना चाहिए।

सरकार की तैयारी:

  • स्रोतों के अनुसार, केंद्र सरकार का अनुमान है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर लगभग 14,000 लोग जमा हो गए हैं। किसान 1200 ट्रैक्टर ट्रॉलियों, 300 कारों और 10 मिनी-बसों में यात्रा कर रहे हैं।
  • पुलिस ने तीन मुख्य सीमाओं पर ट्रैक्टरों के प्रवेश को रोकने के लिए भारी कंटेनरों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। सुरक्षा बलों ने कई परतों में बैरिकेड लगाए हैं, जिन्हें कंक्रीट, कांटेदार तारों और लोहे की कीलों से मजबूत किया गया है।
  • किसान दो रास्तों से दिल्ली पहुंचने की योजना बना रहे हैं – शंभू, अंबाला, करनाल, पानीपत और सोनीपत के रास्ते और खनौरी (पंजाब-हरियाना सीमा पर), जींद और रोहतक के रास्ते।

आगे क्या?

  • यह देखना बाकी है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को कब तक अनदेखा करती रहेगी।
  • आने वाले दिनों में प्रदर्शन और सरकार के बीच गतिरोध बने रहने की संभावना है।
  • दिल्ली और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ सकती है।

नोट:

  • यह लेख आपके लिए मूल लेख को अधिक समझने योग्य और रोचक बनाने के लिए फिर से लिखा गया है।
  • पूर्ण जानकारी के लिए कृपया मूल स्रोत देखें।

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