Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha:
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और 22 जनवरी, 2024 को दोपहर 12:20 बजे पूरे उत्साह के साथ यह पवित्र आयोजन होने वाला है। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित गणमान्य अतिथि सम्मिलित होंगे, जिनमें एथलीट, फिल्म हस्तियां, आध्यात्मिक गुरु और उद्योगपति शामिल हैं।
हिंदू धर्मशास्त्रों में माना जाता है कि भगवान राम का जन्म शुभ कारकों के मिलन के साथ हुआ था, जिनमें अभिजीत मुहूर्त, मृगशीर्ष नक्षत्र, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, 22 जनवरी, 2024 को ये सभी शुभ तत्व एक साथ आएंगे, जो इसे अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूर्ण तिथि बनाते हैं। यही शुभ संयोग 22 जनवरी, 2024 की तिथि को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अद्वितीय बनाता है।
अभिजीत मुहूर्त का महत्व:
वैदिक ज्योतिष में, अभिजीत मुहूर्त का विशेष महत्व है क्योंकि इसे दिन का सबसे शुभ और शक्तिशाली समय माना जाता है। यह शुभ अवधि लगभग 48 मिनट तक फैली हुई है और सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच 15 मिनट के अंतराल में आठवें खंड के रूप में आती है।
22 जनवरी, 2024 को, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:16 बजे IST से शुरू होकर 12:59 बजे IST तक समाप्त होने वाला है। इस विशिष्ट समय सीमा को इसकी सकारात्मक और शुभ ऊर्जा के लिए विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है, जो उस तिथि पर होने वाले आयोजनों, जैसे कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के महत्व को बढ़ाता है।
मृगशीर्ष नक्षत्र का रहस्य:
वैदिक ज्योतिष प्रत्येक नक्षत्र को महत्वपूर्ण गुणों और प्रतीकों का श्रेय देता है, और मृगशीर्ष, 27 नक्षत्रों में से पांचवां, ओरियन नक्षत्र से जुड़ा हुआ है। ‘मृगशीर्ष’ नाम ‘हिरण के सिर’ का अनुवाद करता है।
मृगशीर्ष नक्षत्र के प्रभाव में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को अक्सर सुंदर, आकर्षक, मेहनती और बुद्धिमान बताया जाता है। उल्लेखनीय रूप से, माना जाता है कि भगवान राम का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था, जो इसके आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है।